Delhi Electricity News: दिल्लीवालों सावधान! सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महंगी हो सकती है बिजली, जेब पर पड़ेगा सीधा असर 2025

दिल्ली में बिजली महंगी होने के संकेत

Delhi Electricity News: दिल्ली में रहने वालों के लिए एक अहम खबर सामने आई है। बिजली हमारे रोज़मर्रा के जीवन का ऐसा हिस्सा बन चुकी है, जिसके बिना आज की दुनिया की कल्पना करना मुश्किल है। लेकिन अब लग रहा है कि राजधानी में बिजली का बिल और बढ़ सकता है। इसकी आहट सुप्रीम कोर्ट में हुई एक अहम सुनवाई के दौरान मिली है, जिसने लाखों उपभोक्ताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा निर्देश

दरअसल, दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के बकाए को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में बड़ा मोड़ आया है। कोर्ट ने साफ कहा है कि दिल्ली को इन डिस्कॉम का बकाया अगले तीन साल के भीतर चुकाना होगा। इसके लिए बिजली कंपनियों को एक स्पष्ट और ठोस रोडमैप तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं। यानी, आने वाले वक्त में इस बकाए की भरपाई का बोझ सीधा उपभोक्ताओं की जेब पर आ सकता है।

न्यायमूर्ति की सख़्त टिप्पणी

न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने इस मामले में व्यापक आदेश पारित किया है। उन्होंने राज्य विद्युत नियामक आयोग को भी निर्देश दिया है कि इन राशियों की वसूली के लिए समयबद्ध योजना पेश की जाए। कोर्ट ने न केवल नियामक आयोग बल्कि एपीटीएएल (अपील ट्रिब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिसिटी) को भी फटकार लगाई है, क्योंकि वर्षों से “नियामक परिसंपत्ति” यानी रेगुलेटरी एसेट्स के लगातार बढ़ते बोझ को रोकने में ये संस्थाएं नाकाम रही हैं।

क्या है ‘नियामक परिसंपत्ति’?

अब सवाल उठता है कि ये “नियामक परिसंपत्ति” होती क्या है? आसान भाषा में समझें तो बिजली की असली लागत और उपभोक्ताओं से वसूले जाने वाले शुल्क के बीच का फर्क ही नियामक परिसंपत्ति कहलाता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी बिजली कंपनी के लिए प्रति यूनिट लागत ₹4 है लेकिन वो उपभोक्ता से सिर्फ ₹3 प्रति यूनिट वसूल रही है, तो प्रति यूनिट ₹1 का अंतर नियामक परिसंपत्ति है।

उपभोक्ताओं पर असर

ये अंतर राज्य सरकार या नियामक संस्थाएं डिस्कॉम को बाद में देती हैं। लेकिन जब ये भुगतान समय पर नहीं होता, तो बकाया बढ़ता जाता है। और अंततः, ये राशि वसूली के लिए फिर उपभोक्ताओं पर ही डाली जाती है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद संभावना यही है कि आने वाले महीनों में दिल्लीवासियों को बिजली के लिए ज़्यादा जेब ढीली करनी पड़ सकती है। अब देखना होगा कि सरकार और बिजली कंपनियां इस बोझ को कैसे बांटती हैं — लेकिन फिलहाल तो उपभोक्ताओं के लिए ये खबर चिंता बढ़ाने वाली है।

Leave a Comment

WhatsApp Float
Phone Giveaway — Details